BCCI का अगला बॉस कोई ऐसा हो जो बड़े स्टेज पर न चढ़ा हो? मिथुन मन्हास – नाम तो सुना होगा, लेकिन ये वो सादा सा चेहरा है जो दिल्ली की गलियों से निकलकर जम्मू तक पहुंचा। शनिवार रात दिल्ली वाली मीटिंग में बीसीसीआई वालों ने इसे सर्वसम्मति से चुना। मैं तो हैरान हूं, क्योंकि सौरव गांगुली जैसे बड़े नाम हैं ना। लेकिन लगता है, मिथुन मन्हास का जज्बा ही कमाल कर रहा है। ये सरप्राइज क्रिकेट को नई हवा दे सकता है, जहां सादगी ताज पहन ले।
सौरव-हरभजन को पीछे छोड़, ये अनकहा हीरो BCCI की कुर्सी पर? दिलचस्प राज!
देखो यार, सौरव गांगुली और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़कर मिथुन मन्हास बीसीसीआई की कुर्सी पर नजरें टिकाए हैं। दिल्ली वाली उस मीटिंग का राज ये कि जम्मू-कश्मीर वाले ने नामांकन भरा, और सबने हां कर दी। रघुराम भट्ट भी रेस में था, लेकिन एक ही जगह से दोबारा नहीं। मिथुन मन्हास का ये अनकहा हीरो वाला रोल, जैसे कोई पुरानी दोस्ती का राज खुल गया। मेरी राय? क्रिकेट में अब ऐसे लोग चाहिए जो चुपचाप काम करें, न कि सिर्फ नाम कमाएं। ये राज सुनकर तो दिल खुश हो गया।
इंटरनेशनल मैदान न छुआ, फिर भी BCCI बॉस बनने को तैयार? मिथुन की जज्बे वाली कहानी!
भाई, मिथुन मन्हास ने कभी इंटरनेशनल मैच न खेला, फिर भी बीसीसीआई बॉस बनने को तैयार? ये तो जज्बे की असली कहानी है। 18 साल खेले, 157 मैच, 9,714 रन ठोके। दिल्ली रणजी के कप्तान बने। Duleep Trophy में उत्तर जोन के संयोजक रहे, गुजरात टाइटंस के स्टाफ में थे। अब जम्मू-कश्मीर के क्रिकेट एसोसिएशन संभाल रहे हैं। मैं सोचता हूं, मिथुन मन्हास जैसा आदमी जो Duleep Trophy जैसे टूर्नामेंट को संभाला, वो बीसीसीआई को कैसे न संभालेगा। ये कहानी बताती है, मेहनत से कुछ भी हासिल हो जाता है।
- मिथुन मन्हास का जज्बा: घरेलू क्रिकेट में रनों का पहाड़ खड़ा किया।
- Duleep Trophy रोल: उत्तर जोन को मजबूत बनाया।
- बीसीसीआई सपना: युवाओं को मौके देकर क्रिकेट बदलना।
दिल्ली से जम्मू का सफर, अब BCCI का नया सूरज? मिथुन मन्हास के सपनों की झलक!
मिथुन मन्हास का सफर तो दिल्ली की भीड़ से जम्मू की शांति तक का है। वहां जाकर बीसीसीआई का नया सूरज बनने को तैयार। रॉजर बिन्नी कर्नाटक से आए थे, अब मिथुन मन्हास जम्मू से। उनके सपने? घरेलू क्रिकेट को मजबूत करना, Duleep Trophy जैसे इवेंट्स को और चमकाना। देवजीत सैकिया सेक्रेटरी बने रहेंगे, राजीव शुक्ला वाइस प्रेसिडेंट। मेरे हिसाब से, मिथुन मन्हास का ये सफर हमें सिखाता है कि सपने छोटे-बड़े नहीं होते। बस पीछा करते रहो।
मिथुन मन्हास के रोल्स | विवरण |
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दिल्ली रणजी कप्तान | टीम को कई जीत दिलाई |
Duleep Trophy संयोजक | उत्तर जोन को लीड किया |
जम्मू-कश्मीर प्रशासक | लोकल क्रिकेट को संभाला |
गुजरात टाइटंस स्टाफ | IPL में युवाओं को ट्रेनिंग दी |
कौन है ये मिथुन, जो बदलेगा क्रिकेट का खेल? आखिर तक रुकिए, जान लीजिए सब कुछ!
तो भाई, मिथुन मन्हास कौन है? 45 साल का वो क्रिकेटर जो बीसीसीआई को बदल देगा। फर्स्ट क्लास में रनों का राजा, लेकिन इंटरनेशनल न खेला। नामांकन 20-21 सितंबर को, लिस्ट 23 को। सौरव बीसीसीआई AGM में आएंगे, लेकिन कोर ग्रुप से दूर। हरभजन पहली बार। मिथुन मन्हास का फोकस? Duleep Trophy जैसे टूर्नामेंट्स को बूस्ट देकर युवाओं को उड़ान। मेरी पर्सनल फीलिंग? मिथुन मन्हास जैसा सादा आदमी क्रिकेट को सच्चा बना देगा। आखिर तक पढ़ो, क्योंकि ये बदलाव का सिग्नल है।
- बीसीसीआई में नया: मिथुन मन्हास पहला ऐसा बॉस बिना इंटरनेशनल मैच।
- Duleep Trophy कनेक्शन: घरेलू क्रिकेट की जड़ मजबूत।
- भविष्य: छोटे राज्यों को मौके, क्रिकेट सबका।