छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में Divyang Cricketer की मौत: रेलवे की लापरवाही उजागर

पंजाब का 38 साल का एक होनहार divyang cricketer विक्रम सिंह अब हमारे बीच नहीं रहा। वो दिल्ली से ग्वालियर एक व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि उसकी जान चली गई। सबसे दुख की बात ये कि उसे बचाने के लिए कोई मदद नहीं पहुंची। ये कहानी सिर्फ एक divyang cricketer की मौत की नहीं, बल्कि हमारे सिस्टम की नाकामी की भी है।

विक्रम सिंह: एक प्रेरणादायक दिव्यांग क्रिकेटर

विक्रम सिंह पंजाब के मलेरकोटला के पिहड़ी गांव का रहने वाला था। वो एक divyang cricketer था, जिसने अपनी मेहनत और जुनून से व्हीलचेयर क्रिकेट में बड़ा नाम कमाया। पिछले 10 सालों में उसने कई टूर्नामेंट खेले। 2020 में उसे बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में चुना गया था, लेकिन कोरोना की वजह से वो सीरीज रद्द हो गई। फिर भी, वो हिम्मत नहीं हारा और अपने खेल से सबको प्रेरणा देता रहा।

  • वो एक divyang cricketer था, जो अपने जुनून से सबका दिल जीत लेता था।
  • उसने कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लिया।
  • उसकी मेहनत ने उसे गांव का हीरो बना दिया था।

विक्रम की मौत ने पूरे divyang cricketer समुदाय को झकझोर दिया। वो एक मिसाल था कि मेहनत और हिम्मत से कोई भी सपना पूरा हो सकता है।

क्या हुआ था उस दुखद रात को?

4 जून 2025 की रात को विक्रम और उसकी टीम के 11 खिलाड़ी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में चढ़े। वो ग्वालियर में होने वाले 7वें श्रीमंत माधवराव सिंधिया मेमोरियल टी-10 चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जा रहे थे। ट्रेन रात को 4:30 बजे चली, लेकिन कुछ ही देर बाद विक्रम को सिर में तेज दर्द और बेचैनी होने लगी।

उसके दोस्तों ने फौरन रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल किया। सुबह 4:58 बजे उन्होंने मदद मांगी, लेकिन ट्रेन सिग्नल की वजह से अझाई स्टेशन पर डेढ़ घंटे रुकी रही। इस दौरान विक्रम की हालत और खराब हो गई।

विवरणजानकारी
तारीख4 जून 2025
ट्रेनछत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
स्टेशनहजरत निजामुद्दीन से ग्वालियर
हेल्पलाइन कॉलसुबह 4:58 बजे
ट्रेन की देरी90 मिनट

समय पर मदद न मिलने की त्रासदी

विक्रम की हालत देखकर उसके दोस्त घबरा गए। उन्होंने बार-बार रेलवे हेल्पलाइन पर कॉल किया, लेकिन कोई डॉक्टर या मदद नहीं पहुंची। ट्रेन सुबह 8:10 बजे मथुरा जंक्शन पहुंची, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। divyang cricketer विक्रम सिंह की सांसें थम चुकी थीं। रेलवे के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

  • विक्रम के दोस्तों ने कई बार मदद के लिए पुकारा।
  • ट्रेन की देरी ने हालात को और बिगाड़ दिया।
  • मथुरा पहुंचने तक विक्रम की जान जा चुकी थी।

उसके एक दोस्त ने रोते हुए कहा, “वो हमारे सामने दर्द से तड़प रहा था, लेकिन हम कुछ न कर सके। कोई मदद नहीं आई।” ये सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए।

रेलवे की मेडिकल सेवाओं पर उठे सवाल

इस हादसे ने रेलवे की मेडिकल सुविधाओं पर सवाल उठा दिए। रेलवे का कहना है कि उन्हें विक्रम की हालत की पूरी जानकारी नहीं मिली। उत्तर मध्य रेलवे की अधिकारी प्रगति श्रीवास्तव ने कहा, “अगर हमें हालत की गंभीरता पता होती, तो हम और बेहतर इंतजाम करते।” लेकिन विक्रम के दोस्तों का कहना है कि उन्होंने सबकुछ बताया था, फिर भी रेलवे ने लापरवाही की।

  • रेलवे हेल्पलाइन पर बार-बार कॉल किया गया।
  • कोई तुरंत मेडिकल मदद नहीं पहुंची।
  • divyang cricketer की जान बचाने का मौका गंवाया गया।

ये घटना बताती है कि divyang cricketer जैसे यात्रियों के लिए रेलवे में खास सुविधाओं की कितनी कमी है।

दिव्यांग क्रिकेटरों को मिले सम्मान की मांग

व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान सोमजीत सिंह ने गुस्से में कहा, “अगर ये किसी बड़े क्रिकेटर के साथ होता, तो रेलवे फौरन हरकत में आता। लेकिन एक divyang cricketer की कोई कदर नहीं।” उन्होंने ये भी बताया कि उनकी क्रिकेट एसोसिएशन ने भी कोई मदद नहीं की।

  • divyang cricketer को उतना सम्मान नहीं मिलता जितना बाकी खिलाड़ियों को।
  • खेल संगठनों को चाहिए कि वो इन खिलाड़ियों की मदद करें।
  • समाज को भी इनके जुनून को सलाम करना चाहिए।

व्हीलचेयर क्रिकेट का महत्व और चुनौतियां

व्हीलचेयर क्रिकेट divyang cricketer के लिए एक बड़ा मंच है। ये खेल उन्हें अपनी काबिलियत दिखाने का मौका देता है। भारत में चार बड़े व्हीलचेयर क्रिकेट संगठन हैं, जो डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई) के तहत काम करते हैं। लेकिन इन खिलाड़ियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

  • फंड की कमी।
  • सही सुविधाओं का न होना।
  • समाज में कम जागरूकता।

विक्रम जैसे divyang cricketer की मौत ने इन मुश्किलों को और उजागर कर दिया। व्हीलचेयर क्रिकेट इंडिया के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा, “हमने एक शानदार divyang cricketer खो दिया। हम कोशिश करेंगे कि आगे ऐसी घटना न हो।”

रेलवे ने शुरू की जांच

रेलवे ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है। विक्रम का शव मथुरा जंक्शन पर उतारा गया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। उनके परिवार को खबर दे दी गई है। रेलवे का कहना है कि वो इस मामले को गंभीरता से देखेंगे।

जांच का विवरणस्थिति
जांच शुरूरेलवे ने आदेश दिए
शव का पोस्टमॉर्टममथुरा में हुआ
परिवार को सूचनादी जा चुकी है

लेकिन सवाल ये है कि क्या ये जांच विक्रम के परिवार को इंसाफ दिला पाएगी?

विक्रम सिंह के परिवार का दुख

विक्रम के जीजा कुलविंदर को फोन पर इस दुखद खबर का पता चला। परिवार मथुरा पहुंच रहा है ताकि विक्रम का शव घर लाया जा सके। गांव में हर कोई उदास है। विक्रम एक divyang cricketer होने के साथ-साथ अपने गांव का गौरव था।

  • परिवार गहरे सदमे में है।
  • गांव वाले विक्रम को याद कर रहे हैं।
  • उसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।

समाज और सरकार से अपील

विक्रम की मौत हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम divyang cricketer जैसे लोगों की जरूरतों को समझते हैं? रेलवे को अपनी मेडिकल सुविधाएं बेहतर करनी होंगी। साथ ही, divyang cricketer को भी वही सम्मान मिलना चाहिए जो बाकी खिलाड़ियों को मिलता है।

  • रेलवे में दिव्यांगों के लिए खास सुविधाएं होनी चाहिए।
  • divyang cricketer को सपोर्ट करने के लिए फंड बढ़ाना चाहिए।
  • समाज को इनके जुनून को समझना होगा।

निष्कर्ष: एक दुखद सबक

विक्रम सिंह की मौत सिर्फ एक divyang cricketer की हानि नहीं, बल्कि हमारे सिस्टम की कमजोरी की कहानी है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हर जान कीमती है। अगर समय पर मदद मिल जाए, तो शायद कोई जिंदगी बच जाए। विक्रम को श्रद्धांजलि देते हुए हमें ये वादा करना होगा कि हम अपने सिस्टम को बेहतर बनाएंगे, ताकि कोई और divyang cricketer ऐसी त्रासदी का शिकार न बने।

Author

  • Adarsh Tiwari

    मैं आदर्श तिवारी, पिछले 8 सालों से क्रिकेट से जुड़ी खबरों, विश्लेषण और अपडेट्स पर काम कर रहा हूं। मेरे पास 3 फेसबुक पेज और एक यूट्यूब चैनल हैं, जिनके ज़रिए लाखों दर्शकों तक क्रिकेट कंटेंट पहुंचाता हूं। भरोसेमंद जानकारी देना ही मेरा मकसद है।

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