भारतीय महिला क्रिकेट की मशहूर लेफ्ट-आर्म स्पिनर गौहर सुल्ताना ने 37 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 22 अगस्त 2025 को उन्होंने अपने फैंस को इंस्टाग्राम पर ये भावुक खबर दी। हैदराबाद की इस बेटी ने क्रिकेट के मैदान पर जो छाप छोड़ी, वो हमेशा याद रहेगी। आइए, जानते हैं कि गौहर सुल्ताना ने संन्यास क्यों लिया, उनका सफर कैसा रहा, और अब वो क्या करने वाली हैं।
गौहर सुल्ताना का संन्यास: क्रिकेट को अलविदा क्यों?
गौहर सुल्ताना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, “मैं हंसते-हंसते क्रिकेट को अलविदा कह रही हूँ।” लेकिन ये फैसला आसान नहीं था। 2014 में आखिरी बार भारत के लिए खेलने के बाद वो नेशनल टीम में वापसी नहीं कर पाईं। उम्र और नई प्रतिभाओं का उभरना शायद इसकी वजह रहा। फिर भी, गौहर ने हार नहीं मानी। उन्होंने WPL में शानदार कमबैक किया और अब कोचिंग या मेंटरशिप के जरिए क्रिकेट को कुछ नया देना चाहती हैं।
- क्यों लिया संन्यास?: उम्र, नई प्रतिभाएँ, और लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट से दूरी।
- क्या है खास?: गौहर का मानना है कि ये अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत है।
भारत की स्पिनर का सफर: हैदराबाद से वर्ल्ड कप तक!
हैदराबाद की गलियों से निकलकर गौहर सुल्ताना ने क्रिकेट की दुनिया में धमाल मचाया। 2008 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में डेब्यू करने वाली गौहर ने 50 वनडे और 37 टी20 खेले। उनके नाम कुल 95 विकेट हैं, जिसमें वनडे में 66 और टी20 में 29 विकेट शामिल हैं। उनका बेस्ट प्रदर्शन 4 विकेट सिर्फ 4 रन देकर रहा, जो उन्होंने 2014 में श्रीलंका के खिलाफ लिया।
फॉर्मेट | मैच | विकेट | बेस्ट प्रदर्शन |
---|---|---|---|
वनडे | 50 | 66 | 4/4 |
टी20 | 37 | 29 | – |
गौहर ने 2009 और 2013 के महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारत का गर्व बढ़ाया। वो तीन टी20 वर्ल्ड कप का भी हिस्सा रहीं। हैदराबाद, रेलवे, पुडुचेरी और बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट में भी उन्होंने खूब नाम कमाया।
- प्रमुख उपलब्धियाँ:
- 2009 और 2013 वनडे वर्ल्ड कप में हिस्सा।
- अमिता शर्मा के साथ 10वें विकेट की 58 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी।
- WPL में यूपी वॉरियर्स के लिए कमबैक।
गौहर की आखिरी गेंद: अब क्या है उनका प्लान?
गौहर सुल्ताना ने साफ कहा कि क्रिकेट उनका पहला प्यार है। वो मैदान से भले दूर हों, लेकिन क्रिकेट से नहीं। अब वो कोचिंग या मेंटरशिप के जरिए युवा खिलाड़ियों को तराशना चाहती हैं।
- संभावित योजनाएँ:
- युवा खिलाड़ियों को कोचिंग देना।
- क्रिकेट कमेंट्री या विश्लेषण में कदम रखना।
- महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना।
गौहर की मेहनत और जुनून को देखकर लगता है कि वो जो भी करेंगी, उसमें छा जाएंगी। फैंस बेसब्री से उनके अगले कदम का इंतज़ार कर रहे हैं।
WPL में कमबैक, फिर संन्यास: क्या थी मजबूरी?
2014 के बाद गौहर सुल्ताना इंटरनेशनल क्रिकेट से बाहर थीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। 2024 में WPL में यूपी वॉरियर्स के साथ उनका कमबैक हर किसी के लिए प्रेरणा बना। 2024 और 2025 के सीजन में उन्होंने अनुभव से टीम को संभाला, भले ही विकेट न ले सकीं। लेकिन उम्र और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर किया।
- कमबैक की खास बात:
- WPL में यूपी वॉरियर्स के लिए खेलीं।
- अनुभव से युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
- संन्यास की वजह:
- उम्र और नई खिलाड़ियों की मौजूदगी।
- लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रicket से दूरी।
गौहर का दिल छूने वाला मैसेज: फैन्स को रुला गया!
गौहर सुल्ताना का इंस्टाग्राम पोस्ट देखकर फैंस की आँखें नम हो गईं। उन्होंने लिखा, “हर विकेट, हर डाइव, और हर हंसी ने मुझे बनाया। मैं अपने कोच, साथियों और फैंस को दिल से शुक्रिया कहती हूँ।” ये मैसेज उनके जुनून और विनम्रता को दिखाता है।
- मैसेज की खास बातें:
- कोच, साथियों और सपोर्ट स्टाफ को धन्यवाद।
- क्रिकेट को अपने जीवन का हिस्सा बताया।
- फैंस के लिए भावुक अलविदा।
सोशल मीडिया पर फैंस ने उनके मैसेज की तारीफ की और कहा कि गौहर की कहानी हमेशा प्रेरणा देगी।
निष्कर्ष: गौहर सुल्ताना की विरासत
गौहर सुल्ताना का क्रिकेट सफर हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहर से बड़े सपने देखता है। उनकी मेहनत, जुनून और हार न मानने की भावना ने उन्हें खास बनाया। भले ही वो अब मैदान पर गेंदबाजी न करें, लेकिन कोचिंग या मेंटरशिप के जरिए वो क्रिकेट को नया रंग देंगी।