साल 1932, जगह इंग्लैंड का मशहूर लॉर्ड्स मैदान, जहां पहली बार Indian cricket की टीम ने टेस्ट मैच खेला। किसी को अंदाज़ा नहीं था कि पहली ही बारी में दो भारतीय गेंदबाज़, मोहम्मद निसार और अमर सिंह, अंग्रेजों की पूरी टीम को हिला कर रख देंगे। ये मुकाबला भले ही भारत हार गया, लेकिन इस मैच में जो जलवा दिखा, उसने इतिहास में खास जगह बना ली।
भारत का टेस्ट डेब्यू: 1932 में इतिहास की नई शुरुआत
भारत का टेस्ट सफर शुरू हुआ 1932 में। उस वक्त टीम नई थी, अनुभव कम था, लेकिन हौसला जबरदस्त था। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के सामने खेलना अपने आप में बड़ी बात थी
कप्तानी कर रहे थे सी. के. नायडू। टीम भले पहली बार टेस्ट खेल रही थी, लेकिन आत्मविश्वास गजब का था। और यहीं से Indian cricket का सुनहरा सफर शुरू हुआ
मोहम्मद निसार की गेंदबाजी: इंग्लैंड को किया चारों खाने चित!
अब बात करते हैं उस खिलाड़ी की जिसने अपने डेब्यू में ही अंग्रेजों के होश उड़ा दिए – मोहम्मद निसार। इनकी तेज़ रफ्तार गेंदबाजी ने पहले ही मैच में सभी को चौका दिया
पहली पारी में 5 विकेट लिए
पहले ही ओवर में दो बड़े विकेट चटका दिए
उनकी बॉलिंग इतनी खतरनाक थी कि इंग्लिश बल्लेबाज़ समझ ही नहीं पाए क्या करें
निसार ने ये साफ कर दिया कि Indian cricket में पेस बॉलिंग भी कमाल की हो सकती है
अमर सिंह का जलवा: भारत के डेब्यू टेस्ट में बिखेरा कमाल!
निसार के जोड़ीदार अमर सिंह ने भी कमाल कर दिया। उन्होंने सिर्फ गेंदबाज़ी ही नहीं, बल्ले से भी योगदान दिया
दोनों पारियों में मिलाकर 5 विकेट लिए
बैट से 50 रन ठोक दिए
तेज़ बॉलिंग, लाइन-लेंथ और आत्मविश्वास की मिसाल बन गए
अमर सिंह ने साबित किया कि Indian cricket में ऑलराउंडर भी कम नहीं हैं
1932 का लॉर्ड्स: भारतीय गेंदबाजों ने कैसे लिखी नई कहानी?
भारत ने वो मैच भले हार दिया, लेकिन जो कहानी लिखी वो हार में भी जीत से कम नहीं थी। पहली पारी में इंग्लैंड को 259 पर रोकना आसान नहीं था, लेकिन हमारे गेंदबाज़ों ने कर दिखाया
दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 275 का टारगेट दिया
भारतीय टीम 187 पर ऑलआउट हो गई
लेकिन खेल में जो जज़्बा दिखा, वो आज भी याद किया जाता है
इस मुकाबले ने पूरी दुनिया को बता दिया कि Indian cricket को हल्के में नहीं लिया जा सकता
भारतीय क्रिकेट के लिए क्यों खास है ये टेस्ट?
ये मैच सिर्फ एक आंकड़ा नहीं था। ये वो पल था जब भारत ने दुनिया को बताया कि वो किसी से कम नहीं
पहली बार इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट खेला
तेज़ गेंदबाज़ों ने दुनिया को चौका दिया
खुद अंग्रेज़ों के घर में उन्हें परेशान कर दिया
Indian cricket ने उसी दिन से अपनी अलग पहचान बनानी शुरू कर दी थी
भारतीय गेंदबाजों की उस मैच में परफॉर्मेंस
खिलाड़ी | विकेट | बल्लेबाज़ी |
---|---|---|
मोहम्मद निसार | 6 विकेट | – |
अमर सिंह | 5 विकेट | 50 रन |
इन दोनों की परफॉर्मेंस ने ये साबित कर दिया कि Indian cricket सिर्फ स्पिन गेंदबाज़ी पर नहीं टिकी, पेस में भी दम है
क्यों आज भी याद किया जाता है 1932 का लॉर्ड्स टेस्ट?
क्योंकि ये वो दिन था जब इंडिया पहली बार टेस्ट क्रिकेट में उतरी और दिखा दिया कि हौसला हो तो अनुभव की कमी मायने नहीं रखती। निसार और अमर सिंह ने उस समय जो कर के दिखाया, वो आज भी दिल छू लेता है
इंग्लैंड में खेलते हुए शानदार परफॉर्मेंस
तेज़ गेंदबाज़ी की नींव रखी
Indian cricket को एक नई दिशा दी
लेखक की राय
जब मैंने पहली बार 1932 के लॉर्ड्स टेस्ट के बारे में पढ़ा तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। सोचिए, उस ज़माने में जब कोई तैयारी नहीं, सपोर्ट नहीं, तकनीक नहीं, तब दो भारतीय गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड में खलबली मचा दी। मेरे लिए ये सिर्फ एक मैच नहीं, एक जज़्बे की कहानी है। आज जो Indian cricket को हम इतना ऊंचा पाते हैं, उसकी नींव शायद वहीं रख दी गई थी