एजबेस्टन में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच में तीसरे दिन कुछ ऐसा हुआ कि सबके होश उड़ गए। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और अंपायर के बीच यशस्वी जायसवाल के DRS को लेकर तगड़ा झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ी कि मैदान पर माहौल गर्म हो गया। आइए, इस DRS विवाद की पूरी कहानी आसान और मसालेदार भाषा में समझते हैं, जैसे दोस्तों के साथ गपशप हो रही हो!
यशस्वी जायसवाल के DRS पर भड़के स्टोक्स: क्या है पूरा माजरा?
मैच में भारत ने इंग्लैंड को 407 रनों पर समेटकर 180 रनों की बढ़त ले ली थी। दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे थे। तभी जोश टंग की गेंद पर अंपायर ने जायसवाल को LBW आउट दे दिया। जायसवाल ने राहुल से बात की और DRS लिया, लेकिन टीवी पर दिखा कि 15 सेकंड की समय सीमा खत्म हो चुकी थी। फिर भी अंपायर ने रिव्यू मंजूर कर लिया। बस, यहीं से बेन स्टोक्स का पारा चढ़ गया।
उन्होंने अंपायर से पूछा, “टाइम खत्म होने के बाद DRS क्यों लिया?” स्टोक्स का गुस्सा देखने लायक था। हालांकि, अल्ट्राएज से पता चला कि जायसवाल वाकई आउट थे, लेकिन स्टोक्स का मुद्दा था कि नियम तो नियम होता है ना! अगर समय खत्म, तो DRS क्यों?
- क्या हुआ था? जोश टंग की गेंद पर जायसवाल को LBW दिया गया।
- समय सीमा: DRS के लिए 15 सेकंड का टाइम होता है, जो खत्म हो चुका था।
- अंपायर का फैसला: फिर भी रिव्यू मंजूर, जिससे बेन स्टोक्स भड़क गए।
IND vs ENG: स्टोक्स और अंपायर की जंग, DRS ने मचाया बवाल!
ये DRS विवाद सिर्फ नियमों की बात नहीं थी, बल्कि मैदान पर इमोशंस का तूफान आ गया। बेन स्टोक्स ने न सिर्फ अंपायर से बहस की, बल्कि केएल राहुल से भी कुछ तीखी बातें हुईं। दर्शक भी हैरान थे। सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए। कोई बोला, “अंपायर ने गलत किया,” तो कोई कहने लगा, “स्टोक्स बस बहाना ढूंढ रहे हैं, क्योंकि भारत ने मैच में पकड़ बना ली।”
घटना | विवरण |
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मैच का दिन | तीसरा दिन, भारत की दूसरी पारी |
विवाद का कारण | यशस्वी जायसवाल का समय सीमा के बाद लिया गया DRS |
अंपायर का फैसला | रिव्यू मंजूर, जायसवाल आउट पाए गए |
स्टोक्स की प्रतिक्रिया | नियम तोड़ने का आरोप, अंपायर से तीखी बहस |
अंपायर से भिड़े बेन स्टोक्स: यशस्वी के DRS पर क्यों हुआ हंगामा?
बेन स्टोक्स का गुस्सा सिर्फ रिव्यू मंजूर होने पर नहीं था। वो चाहते थे कि थर्ड अंपायर बीच में आए और रिव्यू रद्द करे। लेकिन नियम कहता है कि ऑन-फील्ड अंपायर का फैसला ही फाइनल होता है। स्टोक्स को ये बात पसंद नहीं आई। वो बार-बार चिल्ला रहे थे कि DRS नियमों का पालन क्यों नहीं हुआ।
मेरा मानना है कि स्टोक्स का गुस्सा जायज था, क्योंकि नियम तो सबके लिए बराबर होने चाहिए। लेकिन ये भी सच है कि भारत की मजबूत बल्लेबाजी ने इंग्लैंड को बैकफुट पर ला दिया था। शायद स्टोक्स का गुस्सा उनकी हताशा का हिस्सा था। दिन के अंत तक भारत ने 64/1 का स्कोर बना लिया, जिसमें यशस्वी जायसवाल के 28 रन थे।
- क्या गलत हुआ? समय सीमा के बाद DRS लेना नियमों के खिलाफ माना जाता है।
- स्टोक्स की मांग: थर्ड अंपायर को रिव्यू रद्द करना चाहिए था।
- प्रशंसकों का रिएक्शन: कुछ ने स्टोक्स को सपोर्ट किया, कुछ ने मजाक उड़ाया।
DRS विवाद: नियम और सुझाव
DRS के नियम साफ हैं: 15 सेकंड में रिव्यू लेना जरूरी है। लेकिन इस बार अंपायर ने समय सीमा के बाद भी DRS मंजूर किया, जिससे सवाल उठे। क्रिकेट में पहले भी DRS विवाद हुए हैं, और ये घटना बताती है कि नियमों को और सख्त करना होगा। मेरा सुझाव है कि ICC को DRS टाइमर को और सटीक करना चाहिए, ताकि कोई कन्फ्यूजन न रहे।
निष्कर्ष: क्रिकेट में मसाला और इमोशंस
ये DRS विवाद दिखाता है कि क्रिकेट सिर्फ बल्ले-गेंद का खेल नहीं, बल्कि इमोशंस और रणनीति का मेल है। बेन स्टोक्स का गुस्सा, यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाजी, और अंपायर का फैसला—सबने मिलकर इस टेस्ट को और रोमांचक बना दिया। भारत ने मैच में पकड़ बनाई, और DRS विवाद ने इसे और मसालेदार कर दिया। तुम्हें क्या लगता है—स्टोक्स का गुस्सा सही था, या ये बस हार की हताशा थी? कमेंट में बताओ!