Site icon Taza Cric

IPL 2025: चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई, KSCA अधिकारियों का इस्तीफा

IPL 2025 चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई, KSCA अधिकारियों का इस्तीफा

IPL 2025 चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई, KSCA अधिकारियों का इस्तीफा

बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन गलत वजहों से। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने IPL 2025 जीतकर सबका दिल जीता, पर उसकी खुशी की परेड में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 फैंस की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस चिन्नास्वामी भगदड़ मामले ने सबको हिलाकर रख दिया। कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाया और 10 जून को सुनवाई तय की है। इस बीच, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के दो बड़े अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। आइए, इस चिन्नास्वामी भगदड़ मामले को आसान और मसालेदार भाषा में समझते हैं, जैसे दोस्तों से गप्पें मारते वक्त बताते हैं!

चिन्नास्वामी भगदड़: क्या हुआ था?

4 जून 2025 को RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर IPL 2025 का खिताब अपने नाम किया। बेंगलुरु में इस जीत का जश्न मनाने के लिए एक शानदार परेड निकाली गई। ये परेड विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जानी थी। लेकिन स्टेडियम के बाहर लाखों फैंस जमा हो गए। भीड़ इतनी थी कि सब कुछ बेकाबू हो गया। एक नाले पर बना स्लैब टूट गया, और लोग उसमें गिरने लगे। देखते ही देखते चिन्नास्वामी भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।

KSCA अधिकारियों का इस्तीफा: नैतिक जिम्मेदारी का कदम

इस हादसे के बाद KSCA के दो बड़े लोग, सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम ने 6 जून को अपने इस्तीफे दे दिए। उन्होंने कहा, “हमारा इस चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में ज्यादा रोल नहीं था, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए हमने कुर्सी छोड़ दी।” उनका इस्तीफा KSCA के अध्यक्ष को सौंप दिया गया। ये खबर हाईकोर्ट की सुनवाई से पहले एक बड़ा ट्विस्ट है।

KSCA की दलील: हम जिम्मेदार नहीं

KSCA ने साफ कहा कि वो इस चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में जिम्मेदार नहीं हैं। उनका कहना है कि परेड और जश्न का आयोजन सरकार ने किया था, और वो बस स्टेडियम किराए पर देने तक सीमित थे। भीड़ को कंट्रोल करने या गेट पर नजर रखने का काम उनका नहीं था। KSCA ने उंगली सरकार, RCB, और इवेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट की तरफ उठाई।

कौनक्या बोला
KSCAहमने सिर्फ स्टेडियम दिया, जश्न का प्लान सरकार का था।
RCBहम कानून का पालन करेंगे, कोर्ट में सहयोग देंगे।
सरकारजांच शुरू, मुआवजा देंगे।

कर्नाटक हाईकोर्ट की कार्रवाई

कर्नाटक हाईकोर्ट ने चिन्नास्वामी भगदड़ मामले को गंभीरता से लिया। उसने खुद से केस दर्ज किया और सरकार को नोटिस भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने KSCA के बड़े लोगों को फिलहाल राहत दी है, यानी 16 जून की अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठेगा। लेकिन उन्हें जांच में मदद करनी होगी और बिना इजाजत शहर छोड़ने की मनाही है।

RCB के मार्केटिंग हेड की गिरफ्तारी

पुलिस ने RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। बाकी तीन लोग डीएनए एंटरटेनमेंट के सुनील मैथ्यू, सुमंत, और किरण कुमार हैं। सोसाले ने कोर्ट में कहा कि उनकी गिरफ्तारी गलत है और ये राजनीतिक दबाव का नतीजा है। लेकिन कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानी। ये चिन्नास्वामी भगदड़ मामला अब और पेचीदा हो गया है।

सरकार का रुख: जांच और मुआवजा

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने चिन्नास्वामी भगदड़ मामले की जांच के लिए एक खास कमेटी बनाई, जिसके हेड रिटायर्ड जज जॉन माइकल डी’कुन्हा हैं। इस कमेटी को 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है। सरकार ने मरने वालों के परिवार को 10 लाख रुपये और RCB-KSCA ने 5 लाख रुपये देने का वादा किया। बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद समेत कई अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया, और केस CID को दे दिया गया।

क्या हुआविवरण
जांच कमेटीरिटायर्ड जज जॉन माइकल डी’कुन्हा के नेतृत्व में।
मुआवजासरकार: 10 लाख, RCB-KSCA: 5 लाख।
पुलिस कार्रवाईकमिश्नर सस्पेंड, CID को केस।

विपक्ष का हमला: सरकार पर लापरवाही का आरोप

विपक्षी पार्टियां, खासकर BJP और JDS, ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। BJP नेता सी.टी. रवि ने इसे “सरकार की लापरवाही” बताया, तो JDS के एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि पुलिस की चेतावनी को अनदेखा किया गया। उनका कहना है कि चिन्नास्वामी भगदड़ मामला सरकार की गलती से हुआ।

RCB की प्रतिक्रिया: सहयोग का आश्वासन

RCB ने इस हादसे पर दुख जताया और कहा कि वो कोर्ट और सरकार के साथ पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट कर दिए, जिसमें फैंस को परेड के लिए बुलाया गया था। RCB ने चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में ज्यादा कुछ बोलने से मना कर दिया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया में साथ देने का वादा किया।

भीड़ प्रबंधन की कमी: हादसे का कारण?

चिन्नास्वामी भगदड़ का सबसे बड़ा कारण भीड़ को कंट्रोल न कर पाना था। RCB के सोशल मीडिया पोस्ट ने लाखों फैंस को स्टेडियम की ओर खींचा, लेकिन वहां सिक्योरिटी और मैनेजमेंट के ढीले इंतजाम थे। पुलिस ने 5,000 सिक्योरिटी गार्ड्स लगाने की बात कही, पर इतनी भीड़ के सामने ये नाकाफी था। स्टेडियम के गेट पर धक्का-मुक्की ने हालात और बिगाड़ दिए।

क्या थी परेड की योजना?

RCB की विक्ट्री परेड 4 जून को शाम 5 बजे शुरू हुई। ये विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जानी थी। RCB ने फैंस से नियम फॉलो करने को कहा था, लेकिन स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 35,000 थी, जबकि लाखों लोग पहुंच गए। ये अनियंत्रित भीड़ ही चिन्नास्वामी भगदड़ का कारण बनी।

हादसे के बाद का मंजर

हादसे के बाद स्टेडियम के बाहर हाहाकार मच गया। लोग नाले में गिरे, कुछ भीड़ में कुचले गए। घायलों को जल्दी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कई की हालत गंभीर थी। मेट्रो स्टेशन तक बंद करना पड़ा, क्योंकि लोग वहां भागने लगे। इस चिन्नास्वामी भगदड़ मामले ने बेंगलुरु की सिक्योरिटी पर सवाल उठाए।

भविष्य के लिए सबक

चिन्नास्वामी भगदड़ ने हमें सिखाया कि बड़े इवेंट्स में सिक्योरिटी और भीड़ मैनेजमेंट कितना जरूरी है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आयोजकों को पहले से भीड़ का अंदाजा लगाना चाहिए और पक्के इंतजाम करने चाहिए। सोशल मीडिया पर बुलावा देने से पहले पूरी प्लानिंग जरूरी है।

मुआवजा और सहायता

सरकार ने मरने वालों के परिवार को 10 लाख रुपये और RCB-KSCA ने 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया। घायलों का इलाज सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है। ज्यादातर लोग अब ठीक होकर घर जा चुके हैं।

निष्कर्ष

चिन्नास्वामी भगदड़ मामला एक ऐसी त्रासदी है, जिसने RCB की जीत की खुशी को मातम में बदल दिया। KSCA के अधिकारियों का इस्तीफा और हाईकोर्ट का सख्त रुख दिखाता है कि ये मामला कितना गंभीर है। 10 और 16 जून की सुनवाई में और बातें साफ होंगी। ये हादसा हमें सिखाता है कि जश्न के चक्कर में सिक्योरिटी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चिन्नास्वामी भगदड़ मामला हमेशा एक सबक रहेगा।

Author

  • मैं आदर्श तिवारी, पिछले 8 सालों से क्रिकेट से जुड़ी खबरों, विश्लेषण और अपडेट्स पर काम कर रहा हूं। मेरे पास 3 फेसबुक पेज और एक यूट्यूब चैनल हैं, जिनके ज़रिए लाखों दर्शकों तक क्रिकेट कंटेंट पहुंचाता हूं। भरोसेमंद जानकारी देना ही मेरा मकसद है।

Exit mobile version