भारतीय क्रिकेट टीम का जलवा तो आप सब देखते ही हैं! मैदान पर हमारे खिलाड़ी खूब चौके-छक्के मारते हैं, लेकिन उनके पीछे एक पूरी फौज होती है, जो उन्हें हर कदम पर तैयार करती है। ये हैं सपोर्ट स्टाफ! हेड कोच गौतम गंभीर से लेकर जिम ट्रेनर, फिजियो और वीडियो एनालिस्ट तक, ये लोग दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन सवाल ये है कि BCCI इन सपोर्ट स्टाफ को कितनी सैलरी देता है? चलो, इसे बिल्कुल आसान और मस्त भाषा में समझते हैं, जैसे दोस्तों के साथ गप्पे मार रहे हों!
BCCI और सपोर्ट स्टाफ: एक बदलता परिदृश्य
BCCI यानी भारतीय क्रिकेट बोर्ड, जो पैसों की बारिश करता है! ये दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। लेकिन अब बोर्ड सपोर्ट स्टाफ में कुछ बदलाव कर रहा है। खबर है कि सहायक कोच अभिषेक नायर और फील्डिंग कोच टी. दिलीप को हटाने की बात चल रही है। जिम ट्रेनर भी इस लिस्ट में है। BCCI चाहता है कि सपोर्ट स्टाफ छोटा हो, लेकिन दमदार हो। ये सब इंग्लैंड दौरे से पहले हो सकता है।
भारतीय क्रिकेटर्स की सैलरी का ढांचा
पहले खिलाड़ियों की सैलरी की बात करते हैं। BCCI हर साल एक लिस्ट निकालता है, जिसमें खिलाड़ियों को चार ग्रुप में बांटा जाता है। अभी 2025 की लिस्ट नहीं आई, लेकिन पिछले साल का ढांचा कुछ ऐसा था:
ग्रेड | सैलरी (सालाना) | उदाहरण |
---|---|---|
A+ | 7 करोड़ रुपये | विराट कोहली, रोहित शर्मा |
A | 5 करोड़ रुपये | रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह |
B | 3 करोड़ रुपये | इशान किशन, शार्दूल ठाकुर |
C | 1 करोड़ रुपये | युजवेंद्र चहल, दीपक हुड्डा |
इसके अलावा, मैच फीस भी मिलती है:
- टेस्ट: 15 लाख रुपये
- वनडे: 6 लाख रुपये
- टी20: 3 लाख रुपये
अगर खिलाड़ी प्लेइंग 11 में नहीं है, तो भी 50% फीस मिलती है। मस्त है ना?
हेड कोच की सैलरी: गौतम गंभीर का पैकेज
अब बात करते हैं सपोर्ट स्टाफ के बॉस यानी हेड कोच की। गौतम गंभीर अभी भारतीय टीम के हेड कोच हैं। उनकी सैलरी सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे! वो हर साल 12 करोड़ रुपये कमाते हैं। यानी महीने के 1 करोड़ से ज्यादा! पहले राहुल द्रविड़ को भी इतना ही मिलता था। BCCI कोच की सैलरी उनके अनुभव और जिम्मेदारी के हिसाब से तय करता है। विदेशी दौरे पर गंभीर को हर दिन 21,000 रुपये भत्ता, बिजनेस क्लास टिकट, फाइव-स्टार होटल और कपड़े धोने की सुविधा भी मिलती है।
सहायक कोच: बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग
सपोर्ट स्टाफ में सहायक कोच भी बड़े काम के होते हैं। ये लोग खिलाड़ियों को बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में माहिर बनाते हैं। अभी रयान टेन डोएशटे और सितांशु कोटक जैसे कोच हैं। इनकी सैलरी कुछ ऐसी है:
- बल्लेबाजी कोच: 3-4 करोड़ रुपये सालाना
- गेंदबाजी कोच: 3-4 करोड़ रुपये सालाना
- फील्डिंग कोच: 3-4 करोड़ रुपये सालाना
खबर है कि BCCI अब कुछ कोच को हटाकर एक ही कोच से कई काम करवाना चाहता है। जैसे रयान फील्डिंग भी देख सकते हैं। इससे सपोर्ट स्टाफ का खर्चा कम होगा।
जिम ट्रेनर: फिटनेस का आधार
खिलाड़ी मैदान पर फुर्तीले दिखें, इसके लिए जिम ट्रेनर दिन-रात मेहनत करता है। वो हर खिलाड़ी के लिए खास वर्कआउट प्लान बनाता है। इनकी सैलरी 1.5 से 2 करोड़ रुपये सालाना होती है। लेकिन अब BCCI ने जिम ट्रेनर को भी बदलने की सोची है, ताकि सपोर्ट स्टाफ का बजट कम हो।
फिजियोथेरेपिस्ट: चोटों का इलाज
फिजियोथेरेपिस्ट वो जादूगर है, जो खिलाड़ियों की चोट ठीक करता है। चाहे मांसपेशियों में खिंचाव हो या मोच, ये लोग खिलाड़ी को दोबारा मैदान पर लाते हैं। इनकी सैलरी भी 1.5 से 2 करोड़ रुपये सालाना है। सपोर्ट स्टाफ में एक सीनियर और एक जूनियर फिजियो होता है।
वीडियो एनालिस्ट: रणनीति का मास्टरमाइंड
वीडियो एनालिस्ट वो शख्स है, जो विपक्षी टीम की हर हरकत पर नजर रखता है। ये लोग वीडियो देखकर रणनीति बनाते हैं और खिलाड़ियों को उनकी गलतियां बताते हैं। इनकी सैलरी 50 लाख से 1 करोड़ रुपये सालाना होती है। सपोर्ट स्टाफ में इनका रोल बहुत खास है।
अन्य सपोर्ट स्टाफ: अनसंग हीरोज
सपोर्ट स्टाफ में और भी कई लोग हैं, जो चुपके से बड़ा काम करते हैं:
- थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट: नेट्स में खिलाड़ियों को प्रैक्टिस कराते हैं। सैलरी: 50 लाख-1 करोड़ रुपये।
- मसाज थेरेपिस्ट: खिलाड़ियों की मांसपेशियां ढीली करते हैं। सैलरी: 50 लाख-1 करोड़ रुपये।
- लॉजिस्टिक्स मैनेजर: दौरे की सारी व्यवस्था देखता है। सैलरी: 50 लाख-1 करोड़ रुपये।
BCCI की रणनीति: क्यों हो रहे हैं बदलाव?
BCCI अब सपोर्ट स्टाफ को छोटा और चुस्त-दुरुस्त करना चाहता है। बोर्ड का कहना है कि एक कोच कई काम कर सकता है, तो अलग-अलग कोच क्यों रखें? गौतम गंभीर को पहले अपने सपोर्ट स्टाफ चुनने की छूट थी, लेकिन अब BCCI खुद फैसले ले रहा है। इससे पैसों की भी बचत होगी।
सपोर्ट स्टाफ का महत्व
सपोर्ट स्टाफ के बिना भारतीय टीम की जीत मुमकिन नहीं। कोच रणनीति बनाते हैं, ट्रेनर फिटनेस ठीक रखते हैं, और फिजियो चोट से बचाते हैं। ये लोग अपने परिवार से दूर रहकर मेहनत करते हैं। इसलिए BCCI इन्हें मोटी सैलरी और ढेर सारी सुविधाएं देता है।
BCCI की वित्तीय ताकत
BCCI की कमाई IPL, टीवी राइट्स और स्पॉन्सर से होती है। इसलिए ये बोर्ड खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ पर खूब खर्च करता है। 2024 में T20 वर्ल्ड कप जीतने पर BCCI ने 125 करोड़ रुपये का बोनस दिया था, जिसमें सपोर्ट स्टाफ को भी हिस्सा मिला।
भविष्य की संभावनाएं
BCCI के नए बदलावों से लगता है कि सपोर्ट स्टाफ अब और स्मार्ट होगा। इंग्लैंड दौरे और ICC टूर्नामेंट्स में गंभीर और उनका नया सपोर्ट स्टाफ भारतीय क्रिकेट को और ऊंचा ले जाएंगे।
रोल | सैलरी (सालाना) |
---|---|
हेड कोच | 12 करोड़ रुपये |
सहायक कोच | 3-4 करोड़ रुपये |
जिम ट्रेनर | 1.5-2 करोड़ रुपये |
फिजियोथेरेपिस्ट | 1.5-2 करोड़ रुपये |
वीडियो एनालिस्ट | 50 लाख-1 करोड़ रुपये |
अन्य स्टाफ | 50 लाख-1 करोड़ रुपये |
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निष्कर्ष
तो दोस्तों, अब आप जान गए कि भारतीय क्रिकेट टीम का सपोर्ट स्टाफ कितना कमाता है। हेड कोच गौतम गंभीर की 12 करोड़ रुपये की सैलरी से लेकर जिम ट्रेनर की 2 करोड़ तक, BCCI सबको दिल खोलकर देता है। बदलावों के बाद भी सपोर्ट स्टाफ का रोल कम नहीं होगा। आपको क्या लगता है, ये बदलाव कितने सही हैं? अपनी राय जरूर बताओ!